Tuesday, 11 September 2012

मै इश्क हूँ !!!




मैं इश्क हूँ |
स्वयं निखरता हूँ | स्वयं संवरता हूँ |
जो अपना बना ले मुझे
मैं उस पर बरसता हूँ ||

मैं इश्क हूँ |
निगाहों में झलकता हूँ | लबों से छलकता हूँ |
जो तरसे मेरे लिए दिल से
मैं उस पर बरसता हूँ ||

मैं इश्क हूँ |
चाहे भी ना मिलु | बिन चाहे भी मिल जाऊँ |
कोई जो छिटके मुझसे दूर
मैं उसी के पीछे हो जाऊँ ||


मैं इश्क हूँ |
हया के गहनों से सझता हूँ | मासूमियत में बसता हूँ |
जो ओढे घूँघट लाज का
मैं उसकी हर अदा में बसता हूँ ||

जिसने की कोशिश मुझे पाने की मैं उसका कभी ना हुआ
जिसने कुछ ना किया मैं उसी का होके रह गया
भटको ना व्यर्थ मेरे लिए यहाँ वहाँ
वक़्त आने पर में स्वयं दूँगा दस्तक जहाँ तहां ||

मैं इश्क हूँ |
मैं सिर्फ तुम्हारा हूँ
अपना लो सच्चे दिल से मुझे
मैं ही इस समुन्द्र में तुम्हारा किनारा हूँ ||


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